नेहरू से इंदिरा तक कांग्रेस ने ही रखे स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, भाजपा ने गिना दी लंबी लिस्ट

लोकसभा स्पीकर के पद पर आज ओम बिरला और के. सुरेश के बीच चुनाव होना है। सदन में मतदान से पहले गहमागहमी तेज है और आरोपों का दौर भी चल रहा है। कांग्रेस एवं विपक्ष ने कहा कि यदि स्पीकर का पद सरकार अपने पास रखना चाहती है तो डिप्टी स्पीकर का पद उन्हें मिलना चाहिए। इसके लिए राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने परंपरा का हवाला दिया है। वहीं भाजपा ने लंबी लिस्ट गिना दी है, जब लोकसभा स्पीकर के साथ ही डिप्टी स्पीकर का पद भी कांग्रेस के नेताओं को ही उनकी सरकारों में मिला था। यहां तक कि देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू और फिर इंदिरा गांधी के समय में भी ऐसा ही हुआ था।

भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने नेहरू के दौर का उदाहरण देते हुए कहा कि 1952 से 1956 के दौरान एम. अनंतसंयनम डिप्टी स्पीकर थे, जो कांग्रेस के ही नेता था। इसके बाद 1962 से 1967 तक यह जिम्मेदारी वी. कृ्ष्णमूर्ति राव के पास रही, वह भी कांग्रेस के ही नेता थे। ऐसा तब हुआ, जब स्पीकर भी कांग्रेस के ही नेता बने थे और डिप्टी स्पीकर का पद भी उन्हें ही मिला। इसके बाद इंदिरा गांधी के कार्यकाल में भी आरके खांडिलकर को डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। वह 1967-69 के दौरान डिप्टी स्पीकर रहे थे।